मंगलवार, 18 सितंबर 2012

भ्रम..

यह मेरा भ्रम ही था
कि
दिल के किसी कोने मे
पला हुआ   यह
 पहला अहसास
कि
शायद हलकी सी
मासूमियत
 तुम्हारे
कोने  मे भी है
पर लगता है
अब
जिन्हें
मे अपना समझ
कर पालता चला गया
वोह शायद जन्मे ही नहीं  थे
 बस एक सुब्गुआहत   थी 
जो 
तुम्हारे
 दिल के कठोर धरातल पर टूट चुकी  थी..