यह मेरा भ्रम ही था | |||
कि | |||
दिल के किसी कोने मे | |||
पला हुआ यह | |||
पहला अहसास | |||
कि | |||
शायद हलकी सी | |||
मासूमियत | |||
तुम्हारे | |||
कोने मे भी है | |||
पर लगता है | |||
अब | |||
जिन्हें | |||
मे अपना समझ | |||
कर पालता चला गया | |||
वोह शायद जन्मे ही नहीं थे
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बस एक सुब्गुआहत थी
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जो | |||
तुम्हारे | |||
दिल के कठोर धरातल पर टूट चुकी थी.. |
तुम्हारा दिसंबर खुदा !
4 वर्ष पहले