मंगलवार, 27 अप्रैल 2010

अपाहिज...



उनकी सिर्फ यही खता थी
कि
वोह उनको बेइन्तेहा
प्यार करते थे ,
उनसे
उनका कुछ दिल का रिश्ता था,
कभी-कभी
वोह
ऐसा कहा करते थे
पर
बदले मे
उनको
कुछ भी नसीब न हुआ
उसने उनकी चाहत को
कभी
संजीद से न लिया
क्यों कि
शायद
हर इकतरफा रिश्ता अपाहिज होता है