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ankhaee
बुधवार, 30 दिसंबर 2009
हालात...
कुछ हालात हमारे ऐसे थे
कुछ चाहत तुम्हारी ऐसी थी
जिसे न तुम समझ सके
न हम कह सके
जिंदिगी बस यूही चलती रही
जैसे
समुंदर की मौजे चट्टान से
बार बार टकरा कर
बापिस लौट जाती है
और
किसी के
एक तरफ़ा प्यार
की याद दिला जाती है
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मेरे बारे में
Vikas Bhatnagar
पेशे से इक multinational कंपनी मे प्रोफेशनल, पर दिल से इक इंसान ....
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