skip to main |
skip to sidebar
रुख़सत...
कुछ लोग,
जो आपके वर्तमान,
से रुखसत हो जाते है,
पर अतीत को समातें हुएं
यादो में चले आते हें,
वोह
हर पल ,
हर जहां मे
ऐसे समां जाते हें,
कि
दिल की ढ़ियोड़ीं से,
चाह कर भी,
रुखसत नहीं हो पातें हें,
वही चलते चलते,
कुछ मोड,
जिंदिगी के,
उन यादो को
गुजरते देख कर
यही कहं पाते हें,
कि
क्यों उन्हें,
रुख़सत होने
के लिए
मेरी ही गली मिली.
रुख़सत = विदा
kismmata ki khel hai bhaaee............sundar abhiwyakti
जवाब देंहटाएं