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कभी - कभी…..
कभी - कभी,
रात जब पूरे उफांन पर होती हेँ,
और दुनिया नींद के आगोश में सोती हेँ,
कुछ
अलसाई सी , मुरझाई सी ,
आंखो में
एक खबाब ......,
जागा सा मिलता हेँ,
वोह
जितनी दूर,
यादो को, समुंदर की लहरों में,
डुबो के आता हेँ,
सुबह,
मुई यादे ,
तकिये के सिरहाने ,
मिलती हेँ,कभी - कभी,
सर्द रात में,
जब हड्डियों को ठिठुरने बाली,
ठण्ड में कोई ,
फुटपाथ पर एक,
छोटी सी चादर मे,
पड़ा हुआ
लकडी के कुछ ,
टुकडों कों जलाकर अपनी ,
सर्द रात के कोप कों,
कुछ कम करता हुआ ,
सामने देखता हेँ,
एक कार में,
पीछे की सीट पर ,
बैठा एक पोमरियन कुत्ता,
कार के हीटर की गर्मी में,
उसे निहारता हुआ,
निकल जाता हें,
वोह फुटपाथ पर बैठा,
सिर्फ यह ही कह पाता हेँ,
अपना अपना भाग्य .... चलते- चलते ...रात जब आंचल से मुहँ ढखे आराम से सोती हेँ,
तब न जाने कब यह बाबरां मन उसका आंचल हटा देता हेँ,
उन्ही पल में कुछ नज़म जन्म लेती हेँ....कुछ लम्हे जिंदिगी को छू कर ऐसें निकल जाते हें,
दिल के आंचल पे अपने निशाँ छोड़ जाते हें,
कोई लाख मिटाना चाहें उन निशाँ ए जज्बातों को,
मिटते नहीं वों पर आंचल तार- तार हो जाते हें,वों जिंदिगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नहीं,
वों मोहब्बत हें क्या जिस में यादे नहीं ,
वों यादे ही क्या जिस में आप नहीं,
वों आप ही क्या जिन्हें कुछ याद ही नहीं,कुछ यादें जिंदिगी में इस कदर बस जाती हैं,
अगर भुलाना चाहों तो और याद आती हें,
लोग चले जाते हे, रास्ते बिछुडं जाते हें,
जाती नहीं वोह रह- रह कर रुलाती हें
रचना अच्छी है
जवाब देंहटाएंब्लोग जगत मए आप का स्वागत है
achchha laga
जवाब देंहटाएंकुछ यादें जिंदिगी में इस कदर बस जाती हैं,
अगर भुलाना चाहों तो और याद आती हें,
ye panktiya dil ko chhu gai
dil se swagat hai aapka
Khoobsoorat bhavnayen!
जवाब देंहटाएंhttp://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
Gar word verification ho to,pls hata den!
ख़ूबसूरत रचना है। क्या करें यही एक ऐसी सच्चाई है कि इससे मुंह नहीं फेर सकते
जवाब देंहटाएंएक कार में,
पीछे की सीट पर ,
बैठा एक पोमरियन कुत्ता,
कार के हीटर की गर्मी में,
उसे निहारता हुआ,
निकल जाता हें,
वोह फुटपाथ पर बैठा,
सिर्फ यह ही कह पाता हेँ,
अपना अपना भाग्य ....
बेहतरीन लिखा है
apna apna bhag hai.bas yahi ek rag hai.narayan narayan
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब लिखा है............ जीवित लम्हीं को रचना में बाँध लिया है........... स्वागत है आपका रचना संसार में
जवाब देंहटाएंबेहरीन लिखाई की है आपने। संवेदनशीलता चरम पर है
जवाब देंहटाएंचिट्ठो की दुनिया में आपका स्वागत है.
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर भी पधारे....
- गंगू तेली
http://gangu-teli.blogspot.com
lage raho vikas ji,
जवाब देंहटाएंaapka swagat hai.
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