शुक्रवार, 19 जून 2009

कभी - कभी…..


कभी - कभी,
रात जब पूरे उफांन पर होती हेँ,
और दुनिया नींद के आगोश में सोती हेँ,
कुछ
अलसाई सी , मुरझाई सी ,
आंखो में
एक खबाब ......,
जागा सा मिलता हेँ,
वोह
जितनी दूर,
यादो को, समुंदर की लहरों में,
डुबो के आता हेँ,
सुबह,
मुई यादे ,
तकिये के सिरहाने ,
मिलती हेँ,



कभी - कभी,
सर्द रात में,
जब हड्डियों को ठिठुरने बाली,
ठण्ड में कोई ,
फुटपाथ पर एक,
छोटी सी चादर मे,
पड़ा हुआ
लकडी के कुछ ,
टुकडों कों जलाकर अपनी ,
सर्द रात के कोप कों,
कुछ कम करता हुआ ,
सामने देखता हेँ,
एक कार में,
पीछे की सीट पर ,
बैठा एक पोमरियन कुत्ता,
कार के हीटर की गर्मी में,
उसे निहारता हुआ,
निकल जाता हें,
वोह फुटपाथ पर बैठा,
सिर्फ यह ही कह पाता हेँ,
अपना अपना भाग्य ....


चलते- चलते ...


रात जब आंचल से मुहँ ढखे आराम से सोती हेँ,
तब न जाने कब यह बाबरां मन उसका आंचल हटा देता हेँ,
उन्ही पल में कुछ नज़म जन्म लेती हेँ....



कुछ लम्हे जिंदिगी को छू कर ऐसें निकल जाते हें,
दिल के आंचल पे अपने निशाँ छोड़ जाते हें,
कोई लाख मिटाना चाहें उन निशाँ ए जज्बातों को,
मिटते नहीं वों पर आंचल तार- तार हो जाते हें,


वों जिंदिगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नहीं,
वों मोहब्बत हें क्या जिस में यादे नहीं ,
वों यादे ही क्या जिस में आप नहीं,
वों आप ही क्या जिन्हें कुछ याद ही नहीं,


कुछ यादें जिंदिगी में इस कदर बस जाती हैं,
अगर भुलाना चाहों तो और याद आती हें,
लोग चले जाते हे, रास्ते बिछुडं जाते हें,
जाती नहीं वोह रह- रह कर रुलाती हें

10 टिप्‍पणियां:

  1. रचना अच्छी है
    ब्लोग जगत मए आप का स्वागत है

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  2. achchha laga
    कुछ यादें जिंदिगी में इस कदर बस जाती हैं,
    अगर भुलाना चाहों तो और याद आती हें,
    ye panktiya dil ko chhu gai
    dil se swagat hai aapka

    जवाब देंहटाएं
  3. Khoobsoorat bhavnayen!
    http://kavitasbyshama.blogspot.com

    http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

    Gar word verification ho to,pls hata den!

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  4. ख़ूबसूरत रचना है। क्या करें यही एक ऐसी सच्चाई है कि इससे मुंह नहीं फेर सकते
    एक कार में,
    पीछे की सीट पर ,
    बैठा एक पोमरियन कुत्ता,
    कार के हीटर की गर्मी में,
    उसे निहारता हुआ,
    निकल जाता हें,
    वोह फुटपाथ पर बैठा,
    सिर्फ यह ही कह पाता हेँ,
    अपना अपना भाग्य ....

    बेहतरीन लिखा है

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही लाजवाब लिखा है............ जीवित लम्हीं को रचना में बाँध लिया है........... स्वागत है आपका रचना संसार में

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  6. बेहरीन लिखाई की है आपने। संवेदनशीलता चरम पर है

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  7. चिट्ठो की दुनिया में आपका स्वागत है.
    मेरे ब्लॉग पर भी पधारे....
    - गंगू तेली

    http://gangu-teli.blogspot.com

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