रविवार, 28 जून 2009

कुछ पल ....


जो दिल में रहते हें वो जुदां नहीं होते,
कुछ अहसास लफ्जों में ब्यां नही होते,
कितने बार सोचा उन्हें न याद करे हम,
पर वो जब याद आते हें ,बहुत यादे आते हेँ

यह शर्मीली मुस्कान हमारी कमजोरी हेँ,
आप समझ न सके यह हमारी मज़बूरी हेँ,
हम नहीं समझतें आपकी इस खामोशी को,
आपकी खामोशी को भी जुबान जरुरी हेँ,

कुछ राज किसी को बताये नहीं जाते,
कुछ ज़ख्म किसी तो दिखाए नहीं जाते,
कितने यादे आते हेँ कैसे बताये आपको,
कुछ राज होठों पर लाये नहीं जाते,

1 टिप्पणी:

  1. कुछ राज किसी को बताये नहीं जाते,
    कुछ ज़ख्म किसी तो दिखाए नहीं जाते,
    कितने यादे आते हेँ कैसे बताये आपको,
    कुछ राज होठों पर लाये नहीं जाते,

    sach ke siwaay kuchh nahi ...........dil ke krib lagi

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